✨ "उड़ान बाकी है" ✨
(एक प्रेरणादायक कविता)
थक गई है राहों में चलकर,
सपनों की डोरी भी उलझ गई है,
पर रुकना नहीं है तुझको अभी,
तेरी असली उड़ान तो बाकी है।
आंधियाँ भी आईं कई बार,
अंधेरे ने रोशनी को छीन लिया,
पर जो अंदर जल रहा है दीपक,
उसका तेज़ अब तक बाकी है।
गिर गई बार-बार तू ज़मीन पर,
लगे घाव भी, पर तू टूटी नहीं,
क्योंकि तुझमें छिपी है वो शक्ति,
जो अब तक दुनिया को दिखानी बाकी है।
पढ़ाई की ये कठिन डगर,
हर दिन तुझसे कुछ माँगती है,
पर याद रखो ये बात सदा,
मेहनत कभी भी खाली नहीं जाती है।
आशाओं की किरणें बिखरी हैं चारों ओर,
बस तुझे उन्हें पकड़ना है,
सपनों को सच्चाई में बदलने का,
अब तुझको ही संग्राम लड़ना है।
तो चल उठ, फिर से मुस्कुरा,
अपने डर को अब पीछे छोड़ दे,
क्योंकि तू ही अपनी किस्मत की लेखिका है,
अब समय है, खुद पे विश्वास जोड़