HappyHoli Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

HappyHoli Quotes, often spoken by influential individuals or derived from literature, can spark motivation and encourage people to take action. Whether it's facing challenges or overcoming obstacles, reading or hearing a powerful HappyHoli quote can lift spirits and rekindle determination. HappyHoli Quotes distill complex ideas or experiences into short, memorable phrases. They carry timeless wisdom that often helps people navigate life situations, offering clarity and insight in just a few words.

HappyHoli bites

*होलिका की कहानी* *होलिका कौन थी*
Part 2
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इसके पश्चात हिरण्यकश्यप की आज्ञानुसार उस चिता में आग लगा दी गयी। आग लगते ही प्रह्लाद हमेशा की तरह विष्णु-विष्णु का नाम जपने लगा। जैसे-जैसे अग्नि की आंच उन तक पहुँचने लगी वैसे-वैसे होलिका को उसकी तपन महसूस होने लगी। वह आश्चर्यचकित थी क्योंकि इससे पहले अग्नि ने उसे कभी ऐसा अनुभव नही करवाया था।

अब अग्नि उन तक पहुँच चुकी थी और होलिका का शरीर उस अग्नि से जलने लगा था तो वही प्रह्लाद निश्चिंत होकर बैठा था और विष्णु-विष्णु जपे जा रहा था। होलिका को यह देखकर बहुत क्रोध आया और वह चीख-चीख कर भगवान ब्रह्मा के दिए वरदान को झूठा बताने लगी।

यह देखकर भगवान ब्रह्मा ने उसे दर्शन दिए और कहा कि यह वरदान देते समय उन्होंने उससे कहा था कि यह तभी प्रभावी होगा जब वह इसे स्वयं की रक्षा करने या दूसरों की भलाई के लिए प्रयोग में लाएगी। यदि वह इस वरदान का दुरूपयोग करेगी तो यह स्वतः ही निष्प्रभावी हो जायेगा। यह कहकर भगवान ब्रह्मा अंतर्धान हो गए।

वह अग्नि बहुत ही विशाल थी और होलिका चाहकर भी उस अग्नि से नही निकल सकती थी। प्रह्लाद की रक्षा तो स्वयं नारायण कर रहे थे, इसलिये उसे कुछ नही हो रहा था। बाहर खड़े सभी सैनिक और हिरण्यकश्यप होलिका की चीत्कार सुन सकते थे लेकिन सभी असहाय थे। देखते ही देखते होलिका का शरीर उसी अग्नि में जलकर भसम हो गया जबकि भक्त प्रह्लाद सकुशल बाहर आ गया।
🙏 हर हर महादेव शिव शंभू 🙏

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#HappyHoli Part-2

*होलिका की कहानी* *होलिका कौन थी*
Part-1

सतयुग में महर्षि कश्यप की कई पत्नियाँ थी जिनमें से एक दिति भी थी। दिति के गर्भ से ही जन्में बच्चों को दैत्यों की संज्ञा दी गयी थी। उसकी कोख से मुख्यतया दो बालक व एक बालिका का जन्म हुआ था जिनके नाम हिरण्यकश्यप, हिरण्याक्ष व होलिका था।

इनमें सबसे बड़ा हिरण्यकश्यप था। इन दोनों दैत्यों का वध भगवान विष्णु को अलग-अलग अवतार लेकर करना पड़ा था। जिनमें से हिरण्याक्ष दैत्य का वध भगवान विष्णु के वराह अवतार ने तो हिरण्यकश्यप दैत्य का वध नरसिंह अवतार ने किया था।

होलिका को भगवान ब्रह्मा का वरदान
होलिका ने भगवान ब्रह्मा की कठिन तपस्या की थी और उनसे एक विशिष्ट वरदान प्राप्त किया था। दरअसल होलिका को भगवान ब्रह्मा से यह वरदान प्राप्त था कि कोई भी अग्नि उसे कभी जला नही पायेगी। इसी के साथ ब्रह्मा ने कहा था कि यह वरदान तभी प्रभावी होगा जब वह इसे स्वयं की रक्षा करने या दूसरों की भलाई करने के उद्देश्य से प्रयोग में लाएगी।

इस वरदान को पाकर होलिका बहुत खुश हो गयी थी। अब तीनों लोकों की अग्नि भी उसे जलाकर भस्म नही कर सकती थी।

होलिका ने की अपने भाई की सहायता
होलिका के छोटे भाई हिरण्याक्ष राक्षस का भगवान वराह के द्वारा वध हो चुका था। इसके पश्चात उसके बड़े भाई हिरण्यकश्यप ने भगवान ब्रह्मा से विचित्र वरदान प्राप्त किया था जिस कारण कोई भी उसका वध नही कर सकता था। उसने तीनों लोकों पर आधिपत्य स्थापित कर लिया था तथा विष्णु को नकार दिया था। इसी के साथ उसने स्वयं को भगवान घोषित किया हुआ था।

किंतु उसी के परिवार में उसका बेटा और होलिका का भतीजा प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। सभी उसके इस व्यवहार से बहुत दुखी रहते थे। हिरण्यकश्यप ने कई बार प्रह्लाद का वध करने का प्रयास किया किंतु हर बार भगवान विष्णु के द्वारा उसके प्राणों की रक्षा कर ली जाती थी।

एक दिन हिरण्यकश्यप इसी चिंता में डूबा हुआ था तभी होलिका को एक विचार आया। वह अपने भाई के पास गयी और उसके सामने प्रस्ताव रखा कि यदि वह प्रह्लाद को अपनी गोद में बिठाकर अग्नि में बैठ जाए तो। अर्थात सैनिकों की सहायता से एक बड़ी जगह पर चिता जलायी जाए और उस अग्नि में होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर बैठ जाएगी।

चूँकि उसे तो भगवान ब्रह्मा का वरदान प्राप्त था, इसलिये उसे कुछ नही होगा लेकिन प्रह्लाद उस अग्नि से निकल कर भागने ना पाए, इसलिये वह उसे कसके पकड़कर रखेगी ताकि वह वही जलकर भस्म हो जाए। हिरण्यकश्यप को यह प्रस्ताव पसंद आया और उसने ऐसा ही करने को कहा।

होलिका का प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर अग्नि में बैठना
इसके बाद हिरण्यकश्यप ने अपने सैनकों को यही आदेश दिया। कुछ ही पलों में एक खाली जगह पर विशाल लकड़ियों और घास-फूस इकठ्ठा कर दिया गया और उसके बीचों बीच होलिका प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर बैठ गयी।

🙏 हर हर महादेव शिव शंभू 🙏

#HappyHoli -Part1

All Your Holi Today
Sorrow and Pain Go Away.
And All The Colors of Tomorrow's Dust
Fill Your Life With Happiness and Joy.

Good Luck ...
The Festival of Colours
🔥🔥🎊🎉🎊🔥🔥

* 🌷❤️HappY Holi❤️🌷 *
#HappyHoli

*पूनम का चाँद रंगों की डोली चाँद से उस की चांदनी बोली खुशियों से भर दे सबकी झोली मुबारक हो आप सब को खुशियों से भरी धुलेटी*
*हैप्पी धुलेटी*
*हर हर📿🌷🌹🦚🧡🇮🇳💚🦚🌹🌷📿 महादेव*
#HappyHoli

"તપ કરવાથી આપણાં ખરાબ ગુણોનો નાશ થાય છે, જ્યારે સારા ગુણોનો જન્મ થાય છે"

રંગોથી રંગાવું આ તનને,
ઉંમગથી ઉભરાવું આ મનને...

મનોજ નાવડીયા

#સારાવિચાર #મારાવિચાર #goodthinking #vishvkhoj #manojnavadiya #gujaratipoem #gujaratikavita #shayari #holi #dhuleti #happyholi #nature

સિંદૂરી બની ધરા ને ખીલ્યો ફાગણીયો ફાગ,
પ્રેમના સાત રંગો હતા ના ભાયે લાલ ગુલાલ...

ના સ્પર્શ્યો ના અડ્યો છતાં મુજ અંતરે ભળ્યો,
શાશ્વતી આસમાની રંગ તારો ના ભાયે લાલ ગુલાલ..

જોને શમણું ઓઢાડી પ્રીતનું હકીકતે હું અજાણ!
આંખે કંકુ કેરો રંગ સિંદૂરી ના ભાયે લાલ ગુલાલ..

ના તથ્ય, ના સત્ય, ના કથ્ય હું જાણું એક તુજને,
પ્રીતનો રંગ સૌથી પરેહ મોહે ના ભાયે લાલ ગુલાલ..

વિચારોના વૃંદાવનમાં હતો ભ્રમ કે હતી ભ્રમણા,
દર્શ રંગાઈ શ્યામ રંગની માયામાં ના ભાયે લાલ ગુલાલ..

#Happyholi
Darshana Radhe Radhe

#HappyHoli


रंग-बिरंगी त्यौहारों का पैग़ाम आया
तंग-वंग गलियों में तुझे यूं देखा नहीं ।

चढ़ा है तेरी प्रीत का ऐसा गाढ़ा रंग
दुजा कोई रंग मुझे अबतक भाया नहीं ।

सबने लगाये रंग पर, तेरा रंग गया नहीं
तन-मन ऐसा मल दिया, कभी भूला नहीं ।

दिल पर लाल रंगने ऐसा कहर ढाया की
घाट घाट में धो..धो..कर, अब थका नहीं ।

लहू से गहरा, पलाश से पक्का ये रंग
इश्क़ की हसीन वादियों में धुला नहीं ।

क्या खूब मिलाकर तूने ऐसा लगाया की
अल्हड़ छोरा बावरा बनकर अब डूबा नहीं ।

-© शेखर खराड़ी
तिथि-१८/३/२०२२, मार्च

તારા સુંદર કોમળ હાથે મારા ગાલ રંગી નાખ!
તું આવે તો ઉત્સાહ આવે બાકી મજા ના આવે.
- વાત્ત્સલ્ય
#HappyHoli