🌙 दर्द के साए — दिल की पुकार
मेरे दिल का किनारा देखा है तूने,
कभी वक़्त में गहराई जाकर देखना…
दर्द के साए कितने गहरे हैं यहाँ,
ज़रा इन ज़ख्मों को छू कर देखना…
ये मुस्कुराहट भी कितनी मज़बूर-सी है,
इसके पीछे की ख़ामोशी को समझ कर देखना…
मैं टूट कर भी खड़ी हूँ तेरी यादों की वजह से,
कभी मेरे जज़्बात को अपना-सा समझ कर देखना…