कभी किसी दिल पर ज़ोर मत डालना,
मोहब्बत की राहें मजबूरी नहीं होतीं।
जो मिल जाए तो नेमत बन जाती है,
और न मिले तो ख़ामोशी की इबादत।
कुछ दिल अपनी दुनिया पहले ही जी चुके होते हैं,
रूहें थकी हुई, यादों से बोझिल।
और तुम…
अपना पूरा जहाँ उनके नाम लिख देना चाहते हो।
मगर उनके दिल में
एक छोटा-सा कोना भी ख़ाली नहीं होता,
जहाँ तुम अपनी रौशनी रख सको।
इसलिए…
मोहब्बत को दूर से सँभाल लेना,
ख़ामोशी में पलने देना—
क्योंकि क़रीब जाकर जज़्बात झुकाना,
मोहब्बत का रास्ता नहीं।
जो मोहब्बत माँगनी पड़े,
वो मोहब्बत नहीं होती—
बस एक आदत का साया होती है।
असली मोहब्बत तो ख़ुद बिखरकर
तुम तक पहुँचती है।
मोहब्बत माँगी नहीं जाती,
बस महसूस की जाती है।