✨ खुद से इश्क़ ✨
मैं खुद से ये कैसा इश्क़ करती हूँ,
कभी हँसती हूँ तो कभी रोती हूँ।
सब पूछते हैं — “तू चाहती क्या है?”
मन कहता है — “सुकून चाहिए।”
और मैंने तुझसे माँगा ही क्या है,
ना कोई दौलत, ना कोई शोहरत,
बस खुद में सुकून ढूँढती हूँ मैं।
ना किस्मत से कोई राहत माँगी,
खुद से तो बस इतना ही चाहा —
थोड़ा सा सुकून,
और अपने होठों पर मुस्कान का साया।
कभी ख़ामोश रहकर भी बहुत कुछ कहती हूँ,
इतने लोगों के बीच रहकर भी तन्हा रहती हूँ।
ये कैसा इश्क़ है मुझको खुद से,
जिसमें मैं दुनिया से ज़्यादा खुद से लड़ती हूँ।
-Sonam kumari