हमारे जो दिल पे गुजरी है,
वो बस हमारा दिल ही जानता है।
लाख समझाया है इसे,
पर ये मन कहां मानता है।
हमें छोड़ जा चुके हो तुम,
इसे तो ये अभी तक झूठ ही मानता है।
हमारे जो दिल पे जो गुजरी है,
वो तो बस हमारा दिल ही जानता है।
तुम्हारी यादों को छोड़ आगे बढ़ जाने को,
ये मन अभी भी कहां मानता है।
बवरा सा है ना ये मन मेरा,
इसीलिए अब तलक भी ये तुम्हें अपना ही जानता है।
हमारे जो दिल पे गुजरी है,
वो हमारा दिल ही जानता है।
तुम्हारी की बेवफाई को ये ,
अपनी कमाई पूंजी मानता है।
आज भी तभी शायद
ये तुम्हें एक हसीन सपना मानता है।
हमारे जो दिल पे गुजरी है,
वो हमारा दिल ही जानता है।