"Kabhi socha hai, agar zindagi bina dare, bina chhupaye jee paayein... toh kaisi hogi?"
"Yeh kavita unhi khwabon ke naam..."
एक अरज़ू
एक अरज़ू है बनने की,
इस खुले आसमान में उड़ने की।
बिना किसी रोक-टोक के जीने की,
अपने सपनों को खुलकर जीने की।
माँ-बाप से खुलकर बात करने की,
उनसे छुपाकर नहीं,
हर काम उन्हें बताकर करने की।
अपनी आज़ादी से कपड़े पहनने की,
अपने रूप को अपनाने की।
सिर्फ़ एक अरज़ू है —
खुलकर जीने की।
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"हर दिल में होती है कोई ना कोई अरज़ू... बस ज़रूरत होती है उसे आवाज़ देने की।"
"Tumhari क्या अरज़ू है?"
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