" दिल उदास बहुत है..."
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दिल उदास बहुत है,
ना शोर है, ना सन्नाटा,
बस एक खामोशी है
जो हर बात से गहरी लगती है.....
ना कोई शिकायत,
ना कोई सवाल किया है,
बस खुद से ही
आजकल कुछ कम मिला किया है....
रौशनी पास है,
फिर भी अंधेरा लगता है,
कभी-कभी तो
अपना ही चेहरा पराया लगता है.....
कोई अपना समझे
तो बात बन जाए,
पर अब कोई
बिना मतलब के कहाँ पास आता है?
खुश रहने की कोशिश में
थक सा गया है दिल,
हर मुस्कान के पीछे
छुपा सागर बहा दिया है दिल....
दिल उदास बहुत है,
पर फिर भी धड़कता है,
क्योंकि उम्मीद
अब भी कहीं अंदर चमकता है.....
_Manshi K