चलो अब सितारों से मिलने चलें
जीना भी आवश्यक
मरना भी आवश्यक,
चलो अब सितारों को छूकर देखें।
सूरज की तरह निकलना सीखें
धूप की तरह तपाना सीखें,
चलो अब सितारों से मिलने चलें
मन से मन को मिलाकर देखें।
जो नहीं है उसे पुकार कर देखें
जो है उसे खगाल कर देखें,
जो प्यार की अनुभूति चले संग में
उसे अन्त तक सहलाते चलें।
*** महेश रौतेला