सच्चे रिश्ते कभी बने नहीं
बने तो वक़्त मिला नहीं
मांगने को सोचा
तो ज़ेहन ने माना कर दिया
मांगी हुई चीज़
अक्सर लौटानी पडती हैँ
कभी मैंने किसी को आज़माया नहीं
सोचा वक़्त के साथ कदर होंगी
अब तो वक़्त के लिए भी सोचना पड़ता हैँ
मैंने जितना प्यार, वक़्त, भरोसा दिया
उतना कभी पाया ही नहीं
सोचती हूँ कभी के होंगी उनको मेरी कमी का एहसास
मेरे ना होने की तड़प
पर शायद खुदा ने मुझे ऐसा बनाया ही नहीं 💔
चुप होके चली जाऊं
या खुद के अंदर शोर करूँ
दम घुटता हैँ
समझ नहीं आता जिंदगी कौन सा खेल खेलगयी
- SARWAT FATMI