कुछ यादें है पुरानी,कुछ किस्से हैं पुराने
नहीं कर पाते विश्वास खुद पर ,कुछ घाव है पुराने..
भर आती है आंखें, आंसू झलकते हैं गालों पर
हंसी छिन लेते हैं,कुछ घाव है पुराने..
हररोज एक लड़ाई है खुद से ही खुद की ,
लोग आते हैं चले जाते हैं ,
नहीं होता विश्वास किसी पे,कुछ घाव है पुराने...!!!
-Mana