मेरा सब्र बहुत आजमाते हो तुम
इंतजार में रहती हूं तो इंतजार ही कराते हो तुम
उस दिन बहुत याद आऊंगी जब
मैं कफ़न में लिपटूंगी और
बोलोगे की थी एक पागल जो
सिर्फ मेरे लिए ही पागल थी..!!!

आंखों में पानी होगा और
सोचोगे की थी एक पागल जो
सिर्फ मेरे खयालों में रहती थी
दिल में एक कसक सी होगी और
महसूस करोगे की थी एक पागल जो
सिर्फ और सिर्फ मुझ पर ही मरती थी..!!!

Gujarati Poem by Pankti Mehta : 111937655
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