तुझसे मिलना भी ना चाहे दिल ,
और तुझे याद करके तड़पना भी ना चाहे दिल।
तुझे सर उठा कर देखना भी ना चाहे दिल ,
और तुझे हर जगह सर उठा के तलाशना भी चाहे दिल ।
तुझे देख कर सुकून भी नही चाहता है दिल ,
बस तेरी यादें ना सताए तुझे देखना चाहता है दिल।
बदले हुए मौसम को फिर से बदलना चाहता है दिल,
सावन लाना चाहता है दिल।
तेरी आहटो को पहचानने से इंकार करना चाहता है दिल ,
तेरी आहटो को भूलना चाहता है दिल।
तेरी आवाज को सुनना नही चाहता है दिल ,
तुझसे बेशुमार नफरत करना चाहता है दिल।
तुझे कोई और देखे इसकी इजाज़त नहीं देना चाहता है दिल ,
तुझसे बिना इजाज़त लिए ,तुझसे नफरत करना चाहता है दिल , तुझसे नफरत करना चाहता है दिल ।
रितेश पांडे