Hindi Quote in Poem by Johnny Ahmed क़ैस

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पत्रकार
खुदकों ज़िन्दा मानने वाली कुछ लाशें
ज़िंदा लोगों के शहर में
हर रात बाहर निकलती है
ये झूठ का ज़हर उगलती हैं।
ये लाशें उँगलियाँ बहुत उठाती है
चिल्लाती है और शोर मचाती है
उन पर जब मक्खियाँ भिनभिनाती हैं
ये मक्खियों को उड़ाती है,
और खुदकों ज़िन्दा बताती है
हाँ बार-बार दोहराती है।
खुदकों ज़िन्दा बताती है
ये लाशें खुदकों पत्रकार बताती हैं
हाँ ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाती हैं।

-Johnny Ahmed क़ैस

Hindi Poem by Johnny Ahmed क़ैस : 111593862
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