हमको आज तक यही पढ़ाया गया था कि किसी ने अगर 370 को हाथ तो लगाना दूर अगर देखा भी तो कश्मीर में खून की नदियां बह जाएंगी , कोई तिरंगा उठाने वाला नही बचेगा ........ खान्ग्रेस समझती थी कि लाखों नही करोड़ों काश्मीरी सड़कों पे उतर आएंगे .......मूडी अमिस्सा आ डोभाल जी ने ऐसा इंतज़ाम किया कि किसी को सांस तक ना लेने दी ....... देखना ताकना छूना नही , धारा 370 को पटक के गर्दन तक पेल दिया और रोना चिल्लाना तो दूर काँखने पादने तक न दिया .........
देश का विपक्ष आज़ादी आज़ादी चिल्लाता रहा , काश्मीरी अवाम को कैद कर रखा है , Curfew है , इंटरनेट बंद है , नागरिक अधिकारों का हनन हो रिया है ........ आपको क्या लगता है ?????
भारतीय राजनैतिक विपक्ष क्या काश्मीरी अवाम के नागरिक अधिकारों के लिये चिंतित था ??????
जी नही , उसकी चिंता सिर्फ ये थी कि Curfew खुले , internet बहाल हो तो लोगों को सड़कों पे उतार के बवाल बलवा पत्थरबाजी कराई जाए ........ सड़कों पे खून बहे ......लाशें गिरें ....... दुनिया भर में बदनामी हो ........
उन दिनों जो कुछ पाकिस्तान चाहता था वही भारत का विपक्ष चाहता था ...... कि घाटी में नागरिकों का खून बहे सड़कों पे ....…. और सरकार के खिलाफ माहौल बने । मूडी जी ने कोई मौका ही नही दिया ।
हाथरस कांड में भी तो विपक्ष यही चाहता था ...... दलित लड़की बनाम ठाकुर लड़के ....... राजनैतिक पार्टियों के लिये समाज मे बवाल कराने की perfect Recipe है । लड़की की Dead Body दे देते तो उसे राजनीति का Tool बना के बवाल करने , आगजनी तोड़फोड़ करने का सुनहरा मौका था ....... हाथरस प्रशासन ने वो मौका हाथ से छीन लिया .......
अगर वो Dead Body दे दी जाती तो विपक्ष वही scene Create करता जो काश्मीर में रोज़ाना होता था ........ आतंकियों की लाशों पे उनके जनाजे पे लाखों आदमी जुटा के भारत विरोधी माहौल गर्म किया जाता था ........ हाथरस में भी जातीय हिंसा की पूरी तैयारी थी विपक्ष की ....... जोगी बाबा ने मौका हाथ से छीन लिया ........
समाज मे शांति बनाए रखने के लिये इसी तरह Dead Bodies का Cremation जल्दी से जल्दी चुपचाप निपटाया जाता है , प्रशासन द्वारा ....... कोई नई बात नही है ।