मेरे हिस्से का थोढ़ा चाँद तुम ले लो,
मेरे हिस्से की थोड़ी रात तुम ले लो,
मेरी डायरी के पन्ने की थोड़ी जगह तुम ले लो,
मेरे सपनों की दुनिया में थोड़े रंग तुम भी भर लो,
डायरी,रात,चाँद और सपनों की ही जमापूँजी है
मेरे पास,
संभाल सकते हो तो बोलो....

Hindi Romance by Chirag Vora : 111496868
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