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Chirag Vora

Chirag Vora Matrubharti Verified

@chiragvora055249
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"हम सभी अपने-अपने हिस्से की
अधूरी बातों के साथ ही एक दिन यूँ ही मर जाएँगें"

बिछड़कर क्या लौटेंगे वो, साथ होकर हमारे नहीं थे जो ..

तुम जो पूछो अपनी अहमियत मुझसे
एक तुमसे बात न करने से मेरी पूरी दुनिया उदास हो जाती है!

यहाँ कोई किसी का हमदर्द नहीं होता
सब अपने लिए एक दवा ढूंढते हैं!

एक गुज़रा हुआ लम्हा
तुम्हारे संग
मेरी मुट्ठी में
यूं ही कैद रहा

मैं दिखा नहीं पाया ज़ख़्म
हथेली के किसी और की हथेली को।

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बेवफाई की जान भी मोहब्बत रही
वफा करने वालों को कुछ और ही नसीब हुआ।

तुम एक पल में खत्म कर सकते थे मेरी उदासी
तुमने एक उम्र ले ली नाराज़ होकर

दिल को हज़ार चीखने चिल्लाने दीजिये,
जो आपका नहीं है उसे जाने दीजिये...
- तस्नीफ हैदर ❤️

पुरुष को बेइंतेहा मोहब्बत करना सिखाकर
स्त्री को अपने पिता की लाज ख्याल आ जाता है!

मैं तो रास्ते में मिल गया था तुझे,
शायद तलाश तुझे किसी और की थी..!!