एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा

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आज प्रकृति का पहला दिन था रघुवंशी मीडिया में — उसकी ड्रीम जॉब। एक नामचीन पत्रकार बनने की ओर पहला क़दम। वो अभी फील्ड रिपोर्टर नहीं बनी थी, पर अब पत्रकार थी — कागज़ पर भी, और ख़्वाबों में भी। उसकी आँखों में चमक थी, जैसे किसी ने उसके सपनों को सच होते देख लिया हो। वो ऑफिस की बिल्डिंग में प्रवेश करने से पहले एक गहरी साँस लेती है, और मोबाइल निकालकर आरव को कॉल करने ही वाली होती है।

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 1

आज प्रकृति का पहला दिन था रघुवंशी मीडिया में — उसकी ड्रीम जॉब।एक नामचीन पत्रकार बनने की ओर पहला अभी फील्ड रिपोर्टर नहीं बनी थी, पर अब पत्रकार थी — कागज़ पर भी, और ख़्वाबों में भी।उसकी आँखों में चमक थी, जैसे किसी ने उसके सपनों को सच होते देख लिया हो।वो ऑफिस की बिल्डिंग में प्रवेश करने से पहले एक गहरी साँस लेती है, और मोबाइल निकालकर आरव को कॉल करने ही वाली होती है।लेकिन तभी —फोन खुद ही बज उठता है।स्क्रीन पर लिखा आता है —"Aarav ️ calling..."वो मुस्कुरा उठती है, उस मुस्कान में नज़ाकत थी, मासूम ...Read More

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एक लड़की को देखा तो ऐसा लगा - 2

बिलकुल! यहाँ दोनों सीन एक साथ जोड़कर, एक शानदार और इमोशनल थ्रिल के साथ प्रस्तुत किया गया है:---रघुवंशी मीडिया – कॉन्फ्रेंस रूम(सभी हेड्स नीचे कॉन्फ्रेंस रूम में मौजूद हैं। माहौल बोझिल है। एक 62-65 साल का रौबदार आदमी, राजवर्धन रघुवंशी, सूट-बूट में इधर-उधर टहल रहा है। साथ में वेदिका और बाकी विभागों के हेड्स भी खामोशी से बैठे हैं।)राजवर्धन (गंभीर और गूंजती आवाज़ में):"तुम लोगों से एक काम ढंग से नहीं होता तो मैंने तुम्हें रखा ही क्यों है?! ये इस महीने दूसरी बार है जब हमारा डेटा चुराया गया है। कोई रोक क्यों नहीं पाया उसे?"(सन्नाटा छा जाता ...Read More