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बजरंग विजय चालीसा- समीक्षा एवं पद्य 1 "बजरंग विजय चालीसा" नामक ग्रँथ हनुमानजी...
अध्याय 10: प्रकट हुआ सत्य मूंछें और मैक्स सुविधा के संकीर्ण गलियारों के माध्य...
"Social distances रखे...सावधान रहे, सुरक्षित रहे...कोरोना वाइरस से बचे रहे..."पा...
महाभारत की कहानी - भाग-७१ महर्षि मार्कंडेय द्वारा वर्णित राम की कहानी प्रस्ताव...
मंदिर शांत था। काल-राज की गूँज अब बीते युग की परछाई बन चुकी थी।वरुण की हथेली में...
2015 की सर्दियां थीं, जब चंडीगढ़ की हल्की धुंध और ठंडी हवाएं हर किसी को अपनी आगो...
Chapter 1......ईशान अग्रवाल एक ऐसा व्यक्ति जो अमीर नहीं था, बल्कि अमीरी की परिभा...
प्रस्तावना:सन 1932, राजस्थान के एक छोटे से नगर “कर्नालीगढ़” के किले में अचानक आग...
Attracting millennials in agency profession the need of hour --लाखो व्यवसायिक अभ...
सूरजपुर—नाम सुनते ही मन में उजाले का एहसास होता था, लेकिन हकीकत में ये गाँव अब भ...
डिस्को का माहौल गर्म था, म्यूजिक की तेज़ धुन में लोग मस्ती के रंग में रंगे हुए थे। लेकिन एक लड़की थी, जो बाकी सब से बिल्कुल अलग दिख रही थी। उसका नाम था सनजना, और वो किसी अप्सरा जैस...
अधिराज की दुनिया... फूलो सी महकती वादियां और नदी का किनारा जहां उसके किनारे बना है एक वूडन हाऊस राजमाता रत्नावली परेशान सी इधर उधर घूम रही थी और मदहोश से बैठे अपने बेटे को देखती...
माउंट आबू के उस अंतिम छोर पर स्थित एक छोटे से आश्रम में अपने कमरे के बाहर लॉबी में एक कुर्सी पर बैठी आशी दूर अरावली के पर्वतों की शृंखला को न जाने कब से टकटकी लगाकर देख रही थी| शीत...
मदरसे के सहन में, जहाँ बचपन की बेफिक्रियाँ रक़्स करती थीं, आरिफ़ की निगाहें अक्सर एक नूरानी चेहरे पर ठहर जाती थीं - ज़ोया। ज़ोया, अपनी हया और सादगी में बे-मिसाल थी। आरिफ़, जो अपनी...
इस तरह एक सदियां बीत गए।। लेकिन नैना वनवास खत्म नहीं हुआ था शायद वो अब जिंदगी को एक नया मोड़ पर समझना चाहती थी। और फिर नैना को अब सब कुछ अच्छा लगने लगा था क्या चल रहा था नैन...
मुंबई की वो सुबह बाकी दिनों से कुछ अलग थी। समंदर की लहरें वैसे ही किनारों से टकरा रही थीं, पर हवा में एक अजीब सी बेचैनी थी — जैसे कुछ बड़ा होने वाला हो। आरव, एक मामूली सा लड़का,...
धमाके से बचा खतरनाक लड़का रात का समय था, आसमान में हल्के बादल थे, और चांदनी ज़मीन पर ठंडी रोशनी बिखेर रही थी। एक काले रंग का प्राइवेट जेट अपनी मंज़िल की ओर बढ़ रहा था। जेट के अं...
उस दिन उसने ज़्यादा कुछ नहीं कहा था। बस एक लाइन — “मुझे नहीं लगता कि मैं तुम्हारे लिए वैसे कुछ महसूस करती हूं।” इतना ही। पर उस लाइन के बाद जो चुप्पी आई, वो अब तक मेर...
मंत्रों का गूंजता उच्चारण हो रहा था। आर्यन और अवंतिका एक-दूसरे को वरमाला पहना रहे थे। आर्यन, एक साधारण लेकिन आत्मसम्मान से भरा युवक, और अवंतिका, जो पैसे और रुतबे को ही सबसे बड़ा...
सखी (मन मे) - आप मेरे हो सत्या और मैं आपकी हु। में आपकी ही रहूंगी । में आपकी हंसिनी हु जो अकेली रह सकती है मर सकती है पर कही ओर नहीं जा सकती । दुनिया की रिवाजों जरूरत मुझे नहीं है...
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