#जल्द_ही_आप_तक ....
प्रिन्सीपाल सर की ओफिस की धंटी बजी, प्युन को अंदर बुलाया गया। दुसरे मंज के पहले क्लास से "कशिश" को भेजो। बोलना डी. के. सरने बुलाया है। "जब तक तेरी हा या ना नहीं सुन लेता तब तक आज जाने नहीं दुंगा" - कशिश की दिमागी हालात बिगड गई वर्ना हा या ना बोलने में इतनी देर नहीं लगती।
पढीये मेरी लिखी कहानी - "नजरों से गिरा दिया"
Coming Soon
#AUTHOR - @Ravi Gohel