नया साल, नई उड़ान
जब घड़ी रात के बारह बजाएगी,
सिर्फ तारीख़ नहीं बदलेगी…
कुछ लोग बदलेंगे, कुछ सपने जागेंगे,
और कुछ दिल फिर से उम्मीदों से भर जाएंगे।
2025 में जो भी टूटा, जो भी छूटा,
अब उसे वहीं छोड़ दो।
क्योंकि नया साल किसी पछतावे का नहीं,
नई कोशिशों का नाम है।
कभी-कभी ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलती,
पर हिम्मत दोबारा मिल सकती है।
बस उसे पहचानना सीखो।
इस साल अपने अंदर वो ताकत जगाओ
जो हार के बाद भी मुस्कुरा सके।
वो भरोसा रखो
जो दूसरों की तालियों पर नहीं,
अपने संघर्ष पर टिका हो।
नया साल तुम्हारा है —
अगर तुम तय कर लो कि
अब रुकना नहीं है।
अब हर सुबह उठकर
अपने ही नाम का इतिहास लिखना है।
क्योंकि लक्ष्य वहीं जीतता है
जिसके पास बहाने नहीं, बस जुनून होता है।
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इस साल कोई वादा नहीं,
बस एक फैसला —
“अब डर नहीं, देर नहीं।”
बस मेहनत, भरोसा और मुस्कान।
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