तुम हो तो सब कुछ है
तुम्हें देखूं तो लगता है,
जैसे रूह को सुकून मिल गया हो,
भीड़ में भी तुम साथ हो,
तो दिल कहता है—अब सब पूरा हो गया हो।
तुम्हारी मुस्कान की हर किरण,
मेरे दिन को रोशन कर देती है,
तुम्हारी आँखों में जो खामोशी है,
वो भी मोहब्बत बयां कर देती है।
बिना कहे ही तुम सब कह जाते हो,
बिना छुए ही रूह को सहला जाते हो,
तुम कोई ख्वाब नहीं, हकीकत हो,
जिसे जीना चाहूँ, वही किस्मत हो।
तेरे नाम से शुरू हो हर सुबह मेरी,
तेरी बातों पर ही खत्म हो रातें सारी,
तू बस साथ रहे यूँ ही हमेशा,
इसी दुआ में, हर दफा, उम्र हमारी।
तेरे होने से साँसों में मिठास है,
तेरे होने से लफ़्ज़ों में एहसास है।
तू पास हो, तो हर मौसम हसीं लगता है,
तेरे बिना, ये जहाँ भी अधूरा सा लगता है।
पहली बार जब तुझे देखा था भीड़ में,
दिल को यक़ीन नहीं हुआ—तू मेरे क़रीब है।
ना कुछ कहा, ना तूने सुना,
मगर उस नज़र में एक खामोश इकरार था।
फिर बातों का सिलसिला चला,
शब्दों में नहीं, खामोशियों में भी प्यार ढला।
तेरी हँसी में जैसे कोई जादू था,
हर बार सुनूँ तो लगे—ज़िंदगी फिर से शुरू हो चली।
तू जब खामोश होता है, मैं पढ़ लेती हूँ,
तेरे दिल की हर परत को मैं छू लेती हूँ।
तू जब थककर आता है, मेरी गोद में सिमट जाता है,
तेरा सारा बोझ, मैं बिना कहे ही उठा लेती हूँ।
कभी रूठता है, तो लगता है जैसे सब कुछ थम गया,
तेरे एक “I’m sorry” में फिर मेरा सूरज चमक गया।
तेरी हर कमी भी मुझे पूरी लगती है,
तेरी अधूरी बातें भी मेरी ज़िंदगी की कहानी लगती हैं।
तू बस यूँ ही रहना मेरे साथ,
बिना वादों, बिना शर्तों के—बस हर बात में मेरा हाथ।
मुझे तेरे नाम से उम्र नहीं चाहिए,
बस तेरा वक्त चाहिए, तेरा दिल चाहिए…
बस तू चाहिए।
धीरे-धीरे, बातों का मौसम आने लगा,
“कैसे हो?” से शुरू हुआ, और “मैं सिर्फ़ तुम्हारा हूँ” तक जाने लगा।
हर शाम तेरा इंतज़ार, जैसे कोई पूजा हो,
हर सुबह तेरा “गुड मॉर्निंग” एक वरदान सा हो।
हम साथ चले बारिशों में भीगते हुए,
हाथ थामे सपनों की गलियों से गुजरते हुए।
कभी café की भीड़ में, कभी छत पर चाँदनी में,
हमने हर जगह को मोहब्बत से भर दिया—सिर्फ़ एक-दूजे की नज़रों में।
कभी तू थक जाता, तो मैं चुपचाप बैठ जाती,
तेरे सिर पर हाथ फेरती, तुझे अपनी बाहों में छुपा लेती।
तेरी खामोश रातों का उजाला बन जाती,
और तू… मेरी बेचैनियों की ठंडी हवा।
कभी बहस हुई, तो आँखें भी नम हुईं,
पर दिल ने हार नहीं मानी, मोहब्बत हर दफ़ा जीत गई।
तेरा “रूठना” भी मुझे तेरा और करीब लाता है,
क्योंकि सच्चा प्यार, लड़कर नहीं—थामकर निभाया जाता है।
तेरे होने से मेरी दुनिया को रंग मिला है,
हर अधूरी इच्छा को तेरे प्यार का संग मिला है।
तेरे बिना सिर्फ़ “मैं” थी,
तेरे साथ “हम” का मतलब मिला है।
अब जब तुझे देखती हूँ,
तो लगता है—मैंने हर जन्म का इंतज़ार पूरा किया है।
ना तू मेरा सपना है, ना कोई किस्सा,
तू मेरा यक़ीन है… तू मेरी हर साँस का हिस्सा।
तू बस यूँ ही रहना मेरे साथ,
बिना वादों, बिना शर्तों के—बस हर बात में मेरा हाथ।
मुझे तेरे नाम से उम्र नहीं चाहिए,
बस तेरा वक्त चाहिए, तेरा दिल चाहिए…
बस तू चाहिए।