अकेली हूँ अकेली ही
अकेलेपन से लड़ती हूँ
फफक जाता है जब मन मेरा
मैं अन्तर्मन से लड़ती हूँ
कृष्ण के प्रेम में पड़ी ज्यों मीरा
जमाने भर से लड़ती है
अकेली हूँ अकेली ही
अकेलेपन से लड़ती हूँ
सवालों से घिरा जीवन
जिसे जीती न मरती हूँ
फफक जाता है जब मन मेरा
सवालातो से लड़ती हूँ
तेरा यूँ छोड़कर जाना
तेरा जाना व न आना
तुझे बस याद कर साथी
मैं जज्बातों से लड़ती हूँ
अकेली हूँ अकेली ही
अकेलेपन से लड़ती हूँ। ।
मीरा सिंह