📚✨ "वो पहली बारिश – भाग 10: उसकी अपनी कहानी"
(जब सिया ने खुद अपनी कलम उठाई… और इश्क़ को नया नाम दिया)
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🪔 बीते कुछ महीने...
आरव ने खुद को पीछे कर लिया —
अब वो सिर्फ घर संभाल रहा है,
कभी अरण्या के बाल बाँधता है, कभी खाना बनाता है।
और सिया?
अब वो लिख रही है। दिन-रात।
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📝 सिया की किताब: “मैं सिर्फ उसकी नहीं हूँ”
> ये कहानी एक ऐसी लड़की की है जिसे सबने "किसी की" बनाकर देखा —
लेकिन वो खुद को "अपनी" बनाना चाहती थी।
प्रकाशक ने जब पढ़ी तो कहा —
"मैम, ये सिर्फ किताब नहीं — आंदोलन है!"
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🎉 बुक लॉन्च डे
बड़ी स्टेज, मीडिया, रौशनी...
सिया, साड़ी में, आत्मविश्वास से भरी।
लोग सवाल कर रहे हैं —
“ये कहानी आपकी है?”
वो मुस्कराकर कहती है —
"हाँ, मेरी है।
लेकिन इसमें सिर्फ मैं नहीं — वो भी है जो हर मोड़ पर मेरे साथ खड़ा रहा,
बिना इस उम्मीद के कि मैं उसे हमेशा शुक्रिया कहूँ..."
और तभी, पीछे से एक आवाज़ आती है:
"अब तो शुक्रिया कह ही दो..." 😉
(आरव मंच पर आता है, अरण्या के साथ। तालियाँ बज उठती हैं।)
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🎥 क्लाइमेक्स सीन:
बारिश फिर से हो रही है...
लेकिन इस बार सिया छाते के नीचे खड़ी है,
आरव भी है, और अरण्या छाते के बाहर, बारिश में नाच रही है।
सिया कहती है —
“अब मेरी कहानी पूरी हो गई।”
आरव जवाब देता है —
“नहीं... अब दूसरी बारिश शुरू हो रही है।”