मेरे लिए इश्क का मतलब
सिर्फ तुम्हारी मौजूदगी है
तुम्हें छूना नही है
झुकती पलकों का एक बार उठ जाना
और चुपके से तुम्हें देख लेना
मेरे लिए इश्क है
तुम्हारी आंखों का वो एक नजर में
मुझे नीचे से ऊपर तक देख लेना
और मेरा तुम्हारे चेहरे से
नजर न हटना ही इश्क है
इन पन्द्रह सालों में
मैनें देखा ही नही तुम घडी लगाते हो या नही
किस रंग का है चश्मा तुम्हारा
मैं खोजती रही तुम्हारी मुस्कान के पीछे
छिपी तुम्हारी मन में वो उलझने
मेरे लिए वो इश्क है
तुम्हारे झूठ को सच मानना
तुम्हारे लिए अपने चेहरे पर झूठी मुस्कान लाना
मेरे लिए वो इश्क है
मेरे लिए इश्क का दूसरा नाम तुम हो तुम। ।
मीरा सिंह