मै शून्य हो गई हूं उसके लिए
वो मेरे रग रग में समायाहै।।
मेरे अंदर वो जो रहता है,
मैं उसमें कहीं समाई हूं।।
जो मुझे भूलने वाला था,
आज उसे याद मै आई हूं।।
प्रेम के प्रेमी शून्य हुए हुए
तब प्रेम निखर कर आया।।
आज उसी ने शून्य समझा जिसने
शून्य बनाया है।।।।
#Zero