Quotes by VANDANA VANI SINGH in Bitesapp read free

VANDANA VANI SINGH

VANDANA VANI SINGH Matrubharti Verified

@vandanasingh3150
(276)

मेरे मन तू अब चुप हो जा
मुझे थोड़ा कुछ और सुनने दे।

तेरी बात समझ नहीं आती मुझे,
जो नहीं है उसका सब्र करने दे।

तेरे कहने से कुछ कब हुआ है
जो ना हुआ उसका अश्क रहने दे।

मेरी इतनी सी तू बात मान ले
जो नहीं कहा किसी से उसका ना कहने दे।

मेरी सिफारिस अब मुझ से ना कर
तुझे जानती हूं बस अब रहने दे।

Read More

मुझ में गुम हो कहीं या मेरे साथ रहते हों
बड़ा अच्छा की तुम आस पासरहते हों।

नहीं सिकवा कोई ना अब कोई शिकायत है
तुम्हारा प्यार कि जो खुदा की मुझमें इनायत हो।


तुम्हारी माशुमियत के किस्से भले कोइ नहीं है
मेरी मशुमियत में तेरी मशुमियत सामिल हो

Read More

कहीं पनप रहा है गम है संभाल जाओ,
दिन मुश्किल है संभल जाओ।

मेरे दिल उस दिल पर ना निशार जाओ
हो जायेगा तुम्हे प्यार संभल जाओ।

Read More

हम रोज अपना रिश्ता सवार लेते हैं,
कभी वो बिगाड़ देता है कभी हम बिगाड़ लेते हैं।

बस इक सवाल होता है मुझ से,
तुम देखकर क्यों आंखो पर पलकों का पर्दा डाल देते हैं।

करती हूं मै उसके दिल के नजारे
हम को देखो हम ना हमारे,
जब भी देखती हूं उसे कुछ ठहर जाता है मुझमें
तमाम बातों पर पहरे डाल देते है।

मुद्दतो में देखते हम उसे,
हर नजारे का ख़ुदा एहसान होता है
गुजारता नहीं है इक पल भी,
उसके बिना उम्र गुजार लेते हैं।

हर रोज टूटता है इक ख़्वाब मेरा,
फिर भी हम ख़्वाब पाल लेते हैं।

Read More

वो जो अंकाहा है बस तुम उतना जान लो,
मै क्या कहूं तुम से कभी तो तुम भी जान लो।

मेरी तरफ से तुम लो अपनी तारीफ़ रख लो
मेरे मिजाज़ नरमी में है ये तलुकात तुम रख लो।

Read More

गुजरने को क्या है वक्त है गुज़र जायेगा,
बस रहेगा इक निशान उस दर्द जो वक्त दे जायेगा।

बड़े अर्से के बाद तो लग रहा था ठीक
क्या मालूम था सब ऐसे बिखर जायेगा।

किसी भी दुख पर बहती नहीं आंखे,
दर्द है दब कर कम पड़ जायेगा।

मुझे दुख है किस से काहू किस उम्मीद से
दुख का क्या कहने से और बड़ जायेगा।

मुझे नज़र ना हुआ प्यार कभी किसी से,
जिसने भी ज्यादा वो फिर बिछड़ जायेगा।

कितने अजीब रिश्ते में प्यार हुआ मुझे
ना पता था इतनी जल्दी प्यार ख़तम हो जायेगा

बड़ी नाउम्मीदी हुई है इस जिंदगी से,
मुझे फ़िर क्या कोई उम्मीद से भर पायेगा।

Read More

ताकती थी आंखो जीवन के लिए
उसके जीवन में अपना जीवन जोड़ने के लिए।

वहीं तकिया वहीं शिरहाना मिला
मिलने को क्या वही गम पुराना मिला

लिखने वाले ने क्यों ना कोई कहानी नई लिखी
मेरे दर्द को क्यों ना ढिकाना मिला।

मिलने को मिल रहा सारा जहान मुझे
जिसे दिल से चाहा वही ना मिला।

किसे चाहूं किस की ना चाह करू
जिंदगी लम्बी भला कैसे मैं नीबाह करू

किस से समझा दू ज़रा दूर रहें वो मुझ से
मेरी चाहत को अब ख़ुदा को भी ख़बर ना रहें

अपने मुताबिक वो सबको दूर करता है
रहना होता फ़िर मजबूर करता है

उस से कह दे कोई मुझे ना अब मजबूर करे
पहले समझे फ़िर किसी को किसी से दूर करे

Read More

मुझे मंजूर होंगे तामाम दर्द जीवन के,
मेरे भगवन बस तू समीप रहना।