hindi Quotes in Hindi, Gujarati, Marathi and English | Matrubharti

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hindi bites

#_Alfazon_Ka_Shor__SJT

मैं लिखता हूं तो यूं ही लिखता रहूंगा ।
मैं उदास हूं तो उदास दिखता रहूंगा ।।

ज़माने की बदल ने बहुत बदलना चाहा ।
मैं अनमोल चीज़ हूं यूं ही बिकता रहूंगा ।।

अ़फसाने आए थे ज़िन्दगी में कहर बनके ।
सूखे पेड़ का पत्ता हूं टूट के गिरता रहूंगा ।।

मुसाफ़िर हूं तेरे इस अजनबी शहर का मैं ।
तेरी गलियों के आस पास फिरता रहूंगा ।।

मुफलिसी का दायरा इतना बड़ा भी नहीं ।
रोज़ इंसानों की बाज़ार में बिकता रहूंगा ।।

लगाए हैं इल्ज़मात जो मेरे कुछ अपनों नें ।
गुनहगारों की तरह ना ही मैं पिसता रहूंगा ।।

कुछ ज़ख्म अदृश्य हैं कैसे मरहम लगाऊं ।
पीड़ा लफ़्ज़ों में ढालकर लिखता रहूंगा ।

तुम बेशक पत्थरों की विशाल इमारत हो ।
कांच का टुकड़ा हूं छूकर बिखरता रहूंगा ।।

जब देखोगी ख़ामोश आईने में खुद को ।
आंखे नम हो जाएंगी मैं निखरता रहूंगा ।।

निकला हूं मंज़िल के तलाश की प्यास लेकर ।
कब बुझेगी प्यास या फिर ऐसे भटकता रहूंगा ।।

ग़मगीन अमावस की काली रातें सोने नहीं देती।
सुर्ख आंखों का झरना हूं ऐसे ही झरता रहूंगा ।।

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#_Na_Hamare_The_Na_Hamare_Huye_

ना हमारे थे न हमारे हुए ,
बस ज़िद थी हमको ,
उनके प्यार में ख़ुद को ,
बस बर्बाद करने की ,

कभी लगता था हमको ,
शायद खुशनसीब हैं ,
मिला कोई चाहने वाला ,
पर हम बदनसीब हैं ,

छोड़ो ख़ैर हमारी बातें ,
उनकी बातों पर गौर करो ,
आज बहुत दिन बाद हुई ,
दिल कहता है और करो ,

कहती तुमसे प्यार नहीं पर ,
बातें करना अच्छा लगता है ,
बातों से भी जादा ये तुम्हारा ,
समझाना अच्छा लगता है ,

अजब प्यार का गजब खेल है ,
खुद को चालाक समझते थे ,
वक़्त ने वक़्त पे आ कह दिया ,
तुम बेवजह ही भटकते थे ,

उसने भी फिर हाल सुनाया ,
प्रिय आशिक़ का अपने ,
बोली उसको ये समझाना है ,
आते हैं बस उसके सपने ,

बहुत ख़ुश हुई मुझे बताकर ,
अपनी प्रेम कहानी को ,
कैसे फिर सुरुआत हुई थी ,
भेजा न्यौता जवानी को ,

एक वर्ष तक नयन मिले थे ,
तब वसंत , ऋतु से मिल पाया ,
आया मौसम ऋतु वसंत का ,
प्यार का पौधा खिल पाया ,

भ्रमर मचल गया कुमुदनी पर,
बोला तुम संग जीना है ,
मैं रहूं सदा तेरा होकर अब ,
न ज़हर जुदाई का पीना है ,

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