SIR का लक्ष्य केवल इतना है कि बिकाऊ NGO-मुखिया प्रजातंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को गुमराह कर सकें, ताकि प्रजातंत्र समर्थकों को EvmBlackGlass डेमो देखने का समय न मिले। इसके अलावा कोई और लक्ष्य नहीं है!!!
भारत में लगभग 1 करोड़ सच्चे “कार्यकर्ता” हैं। अधिकांश कार्यकर्ता अपनी 90% ऊर्जा और समय केवल 1–2 मुद्दों पर लगाना चाहते हैं। उदाहरण के लिए—कुछ केवल कुत्तों के लिए काम करना चाहते हैं और कुछ नहीं। कुछ केवल पेड़ों को बचाना चाहते हैं। कुछ के लिए सक्रियता का मतलब सिर्फ शाकाहार/वीगनिज़्म है। कुछ के लिए सक्रियता हिन्दू–मुस्लिम मुद्दे से शुरू होकर वहीं खत्म होती है। कुछ के लिए सक्रियता सिर्फ “रागा का विरोध” या “मोदी का विरोध” है। कुछ केवल स्वास्थ्य मुद्दों पर काम करते हैं।
ये कार्यकर्ता पैसों के लिए नहीं हैं।
कुछ 30–40 साल पहले बड़ी संख्या में गरीब-समर्थक कार्यकर्ता हुआ करते थे, जो समय के साथ कम हुए हैं। समय के साथ पेड़-कार्यकर्ता, वीगन कार्यकर्ता, कुत्ता-प्रेमी कार्यकर्ता, पर्यावरण कार्यकर्ता और हिन्दू-मुस्लिम मुद्दों वाले कार्यकर्ताओं की संख्या बढ़ी है।
और लगभग 50 हज़ार से 1 लाख (या 10 हज़ार) ऐसे लोग हैं जो लोकतंत्र-कार्यकर्ता हैं!! यानी उनके लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।
मैं दोहराता हूँ—भारत में लगभग 50 हज़ार सच्चे कार्यकर्ताओं के लिए लोकतंत्र सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।
अब लगभग सभी कार्यकर्ता-नेता, पत्रकार, राजनीतिक अंधविश्वास पढ़ाने वाले प्रोफ़ेसर, समाजशास्त्र के प्रोफ़ेसर आदि केवल पैसों के लिए खेल में हैं। उन्हें पैसे दिए जाते हैं ताकि कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखा जाए, और वे EvmVoteChori, USA के चुनाव-रिकॉल ज्यूरी कानून, हथियार, खनिज, प्लॉट, प्रतिगामी कर-व्यवस्था, अफ़ीम–भांग की उपयोगिता, और भोजन/सप्लीमेंट/दवाओं में ज़हर के मुद्दों पर ध्यान न दे सकें।
तो मैं फिर कहता हूँ—
(1) लगभग 50 हज़ार (या 10 हज़ार) लोकतंत्र-कार्यकर्ता हैं!! यानी उनके लिए लोकतंत्र ही सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा है।
(2) सभी “कारणों” के कार्यकर्ता-नेता पैसे लेकर सभी कार्यकर्ताओं को इतना व्यस्त रखते हैं कि उन्हें EvmVoteChori, रिकॉल कानून, खनिज, प्लॉट, प्रतिगामी कर-व्यवस्था और भोजन/सप्लीमेंट/दवा में ज़हर जैसे मुद्दों को देखने का समय न मिले।
समस्या यह है—EvmBlackGlass डेमो प्रजातंत्र कार्यकर्ताओं के दिमाग को इस हद तक अपनी ओर खींच रहा है कि उनके नेता उन्हें “बैलट पेपर लाओ” वाले मुद्दे पर भी नहीं ला पा रहे हैं।
इसलिए प्रजातंत्र-कार्यकर्ताओं को व्यस्त रखने में SIR महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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