बेटियां..
हम बेटियां बन कर आई हैं
मां बाप के जीवन में
बसेरा होगा हमारा
कल किसी और के आंगन में
दे कर जन्म पाल के हमको बड़ा किया
और फिर वक्त आने पर
अपने ही हाथों से विदा किया
क्यों ये रीत ऊपर वाले ने बनाई होगी
कहते है आज नहीं तो कल बेटी पराई होगी
क्यों ये रिश्ता इतना अजीब होता हैं
क्या यही हम बेटियों का नसीब होता हैं