आँखो से आँखो पर
पहला वार होता है
तीर-ए- नज़र
दिल के पार होता है
बातों ही बातों में
इकरार होता है
हर पल हरदम
दीदार-ए-इश्क
के लिए दिल
बेक़रार होता है
ज़माने को नज़र
न आ जाएं ये
जज़्बात कहीं
ये ख्याल दिलो-दिमाग
में बार-बार होता है
कुछ एसा सुरूर-ए-आलम
छा जाता है हरसू
कायनात में
ख़ुमार ही ख़ुमार होता है
कुछ इस तरह का सुलूक
हाल-ए-दिल करे
तो समझ लीजिए जनाब,
बस यही
पहला पहला प्यार होता है ।।