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सृष्टि के सृजनकर्ता ने जिसे नवजीव सृजन का स्वयं दिया हो अधिकार उस परम पुनीता मातृ शक्ति को मेरा नमन बारंबार माता, सुता, भगिनी, भार्या जैसे कई रूपों में जिसने लेके अवतार हम सभी के जीवन का कर दिया उद्धार उस परमपुनीता मातृशक्ति को मेरा नमन बारंबार 🙏🙏
सौन्दर्य और माधुर्य का मिश्रण जहां होता है, वो खूबसूरती के पैमाने में सबसे आगे खड़ा होता है। विनम्रता और मुस्कान से प्रेरित हो जो जीवन, वहीं ज़िंदगी के पैमाने में सबसे खरा होता है।।
होली के रंग उत्साह और उमंग परिवार के संग बांटे खुशियां अपार कहीं गुझिया,मठरी कहीं सलोनी, तो कहीं गुलाबजामुन की बहार रंग बिरंगे गुलाल संग प्रेम के रंगों की बौछार मुबारक हो आप सभी को होली का त्योहार 🙏🏻🙏🏻🙏🏻💐💐
बारिश की बूंदे , हवाओं की मस्ती, कहीं रंग बिरंगी खुशियों का सैलाब कहीं बेनूरी तो कहीं गमों की कश्ती। ज़िंदगी तो उसी का नाम है मेरे दोस्त, जो हर हालात में खिलखिलाती, हर हालात में हंसती।।😊❤️
हमसफ़र हो तो चाँदऔर रात की तरह, जिनके इश्क़ ने दुनिया में वो मुकाम कर दिया। जहाँरात ने सनम चाँद को अपनी खूबसूरती दे सारे जहान में रौशन कर दिया। वहाँ चाँद ने भी महबूबा रात को अपनी चाँदनी में समेट उसकी बेनूरी को जगमगाहटों में बदल दिया।।
राधा और कृष्ण की प्रीत है गहरी। एक है सागर दूजी नदिया सुनहरी।। सागर में मिलती हैं नदिया जाकर। वैसे ही राधा मिलीं श्याम में आकर। साक्षीथागोकुलऔरवृन्दावन नगरी। राधा और कृष्ण की प्रीत है गहरी।। प्रीत है पावन, अखंड है अमर। मुरली है राधा ,मुरलीधर के अधर। मोहनहैकाला,कंचनवर्णीबृजेश्वरी। राधा और कृष्ण की प्रीत है गहरी।। मोरमुकुट माधव के नैनो की थी ये जादूगरी , अपने अस्तित्व को समेटे कृष्णा, कृष्ण मे समा रही, संपूर्ण जगत को निश्छल प्रेम का अनोखा पाठ पढ़ा रही । अतुल्यअनुपम प्रेमकेहैं ये प्रहरी। राधा और कृष्ण की प्रीत है गहरी।। बंसी की धुन पर रास रचाया, दुनिया को प्रेम का रहस्य समझाया, कृष्ण है प्राण तो राधा है काया, अद्धभुत अप्रतिमप्रेम की छलकती है गगरी। राधा और कृष्ण की प्रीत है गहरी।।
अक्सर अंदाज़–ए–सादगी भी असर दिखाती है, हज़ारों तकलीफ के बावजूद भी ज़िंदगी मुस्कुराती है।। खुशियों और ग़मो की कशमकश से परे है जो, वो ही जिंदादिलों के लिए ज़िंदगी कहलाती है।। 🌹🌹🌹
आसमाँ सेआई एक खबर ने शहर में चर्चा–ए–आम कर दिया, कि सूरज ने बादलों के साथ मिलकर धूप का काम तमाम कर दिया।। सितारे भी फुसफुसा के कह रहे हैं चांद से तुम्हारी गीली और नुकीली रात भी कुछ कम नहीं, जिसने ज़िंदगी के कत्ल का सामान कर दिया ।।
बेवजह तो नहीं मिले थे तुम, कोई तो रिश्ता पुराना रहा होगा। यूं ही नहीं धड़कता ये दिल, कोई तो जज़्बा अनजाना रहा होगा। एक तेरी मुस्कान पर कुर्बान कर दी ये ज़िंदगी, ये सिलसिला आज का नहीं जनमों का अफसाना रहा होगा।
# मन के मीत # +++++++++++ जब से आप मेरे मनमीत बन गए। जीवन सुमन कुछ यूं खिल गए।। साज छेड़ा है इन हवाओं ने आकर, जैसे घटा और बादल कहीं मिल गये जब से आप मेरे मनमीत बन गए।। तुमको पाकर सारा जहाँ पा लिया न कोई तमन्ना-ए-दिल रह गई। सफर जिन्दगी का हंसीन होगा तेरे संग, नये ख्वाब आंखो में फिर पल गए जब से आप मेरे मन मीत बन गए।। मन के मंदिर में है मूरत तुम्हारी, नैनो में सूरत दिल में चाहत तुम्हारी। सपनों में तुम थे, हकीकत में तुम हो दिल मे उम्मीदों के चिराग जल गए। जब से आप मेरे मनमीत बन गए।। ♥️♥️♥️
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