चारों तरफ अपनी ममता बिखेरे हुऐ
कभी चाँद जैसी नज़र आती है।
कभी अपनी रौशनी मे सारे दुख समा लेती है ।
यह माँ ही है
जो अपने से पहले हमें सब कुछ दिलवाती है।
हमारी हर खुशी में खुद भी हँसती, मुस्काती है।
माँ ही है जो चाँद जैसी नज़र आती है
और चारों ओर अपनी ममता की छाया फैलाती है।
।।रूपेश।।