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कितनी किताबों में कितनी कहानियां दफन है , और कितनी ही कहानियां अभी जन्म लेने को है । सबका शीर्ष एक जैसा ही है , बुराई पर अच्छाई की जीत , पर कभी सोचा है , बुराई ने भी तो सम्राज्य खड़ा किया , कितनी अच्छाइयों को मिट्टी में दफन कर के । उनकी कहानियां कोई नहीं लिखता , क्यों कि यहां सब अच्छाई के पात्र बने हुए है , हर कोई यहां दिखावे का संदेश देने में लगे हुए है ।
हम चिंता किस बात की करते है , कभी सोचा है । हम आने वाले भविष्य की चिंता करते है , पर हमें चिंता तो ये होनी चाहिए कि क्या हम उस भविष्य को देखने के लिए उपस्थित होंगे । कुछ भी तय नहीं हमारे लिए , क्योंकि पहले से तय है यहां सब के लिए ।
मैं सच्चा धर्मी उसी को मानता हूं जो धर्म के लिए अपने प्राण त्याग दिए है । यूंही मंदिरों में भटकना , महज दिखावा है । अपने दुखो के लिए हम ऐसे करते है । आप और मै कभी मंदिर की सुरक्षा या धर्म के लिए प्राण नहीं त्यागे ग़े। ये सत्य है , आपको भी मालूम है ।
मैं किसी अभिमानी व्यक्ति को गलत नहीं मानता , वो अपनी जगह सत्य है । भ्रम इस दुनिया में होना तय है , ये श्रृष्टि के नियम है । आपको ज्यादा बलशाली बना कर , आपको अभिमानी का चोला पहना दिया जाए गा । फिर किसी साधारण पुरुष को हाथों उसकी मृत्यु करवा देना , पर वो साधारण पुरुष भी एक अभिमानी बन जाता है , हम सब एक माला के मोती है , सबकी बारी आती है , माला जपने के बहाने से हमें आगे कर दिया जाता है ।
कुछ लिख दूं , मै ऐसा । जिससे लगे की अब और ना लिखना होगा , फिर लगता है वो शब्द अभी बने ही नहीं । जो मुझे मुक्त कर दे , लिखने से वैसा ।
मुझे वो शब्द आज भी याद है " तुम मुझे कभी समझे ही नहीं " वो मेरे शब्द थे जो मन में रह गए , उसने वहां भी बाजी जीत ली , मै एक दफा फिर उस से हार गया ।
कितना अच्छा होता है , कुछ भी नया लिखना , शब्द वहीं होते है महज उनके वाक्य बदल जाते है । हम अक्सर सोचते है भगवान ने हमें अनेक चेहरों से सब को जन्म कैसे दे दिया , पर ये कभी नहीं सोचते हम एक जैसे शब्दों से कितने अनेक वाक्य बना देते है । कितना ही AI आ गया चाहे पर वो जो मन में आए शब्दों को वाक्य की माला पिरोना वो एक अलग ही आनंद है । मै कुछ भी सोच समझ कर नहीं लिखता , जो मन में आए उनको एक ढांचे में शब्दों को रख देता हु । शायद आपको पसंद ना आए मेरा यूंही लिखना , पर मन के विचार है जो शब्दों से घिरे पड़े है ।
क्या आपको अपनी कहानी पर कुछ लिखना चाहिए , क्या आपको लगता है आपने कुछ ऐसा किया है या कुछ घटित हुआ है जिसको शब्दों में उतारना चाहिए । जिनका इतिहास लिखा हुआ वो कौनसे सच थे , महज उनका व्यकित्व ऐसा था , की हम मान लेते है वो सब महान थे । यकीन करो वो भी हमारे जैसे घर की मुश्किलों से घिरे हुए थे , अंत में जब उनके पास कलम आई तो शब्दों की धारा से उन्होंने अपने संघर्ष के राह को बदल दिया फिर हमें वो इतिहास बताया गया जो हमने देखा नहीं , और एक मात्र पढ़ना और उसी को सच मानना ही एक मात्र उपाय था । आप और हम भी लिख सकते है आपने कहानियों में , ये पीढ़ी ना सही तो जो आने वाली के लिए तो हम महान होंगे , क्यों उनके पास कोई उपाय नहीं होगा । सब अपने संघर्ष छुपा लेते है कामयाब हो जाने के बाद ।
आपको ऐसा नहीं लगता हम सब एक नाटक के पात्र है । जिसको पहले ही लिखा जा चुका है , ये नाटक यूंही चलता आ रहा है , करोड़ों सालों से । आप या मैं कभी तो किसी दौर में मुख्य राजा के किरदार में रहे होंगे या , उस राजा की क्रूरता का शिकार रहे होंगे जिसकी मौत से समाज में एक नया संदेश गया होगा या एक आंदोलन खड़ा हुआ होगा , या उस आंदोलन में राजा का गला काटने वाले हम ओर आप मुख्य किरदार रहे होंगे । लाखों कहानियों में आप और हम एक साथ या एक दूसरे के विपक्ष खेड़े होंगे , जैसे कि आज मैं लिख रहा हु , वो ही विचार आप आज पढ़ रहे है । क्या एक संदेश नहीं है कि हम और आप कभी किसी दौर में एक रहे होंगे । अगर पहले से तय है तो मान लो मेरा लिखा हुआ तुम पढ़ रहे हो वो भी इसी का छोटा सा हिस्सा है ।
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