Quotes by Arun in Bitesapp read free

Arun

Arun

@arunjhorar


कितनी किताबों में कितनी कहानियां दफन है ,
और कितनी ही कहानियां अभी जन्म लेने को है ।
सबका शीर्ष एक जैसा ही है , बुराई पर अच्छाई की जीत ,
पर कभी सोचा है ,
बुराई ने भी तो सम्राज्य खड़ा किया , कितनी अच्छाइयों को मिट्टी में दफन कर के ।
उनकी कहानियां कोई नहीं लिखता , क्यों कि यहां सब अच्छाई के पात्र बने हुए है , हर कोई यहां दिखावे का संदेश देने में लगे हुए है ।

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हम चिंता किस बात की करते है ,
कभी सोचा है ।
हम आने वाले भविष्य की चिंता करते है , पर हमें चिंता तो ये होनी चाहिए कि क्या हम उस भविष्य को देखने के लिए उपस्थित होंगे ।
कुछ भी तय नहीं हमारे लिए ,
क्योंकि
पहले से तय है यहां सब के लिए ।

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मैं सच्चा धर्मी उसी को मानता हूं जो धर्म के लिए अपने प्राण त्याग दिए है ।
यूंही मंदिरों में भटकना , महज दिखावा है ।
अपने दुखो के लिए हम ऐसे करते है ।
आप और मै कभी मंदिर की सुरक्षा या धर्म के लिए प्राण नहीं त्यागे ग़े।
ये सत्य है , आपको भी मालूम है ।

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मैं किसी अभिमानी व्यक्ति को गलत नहीं मानता ,
वो अपनी जगह सत्य है ।
भ्रम इस दुनिया में होना तय है , ये श्रृष्टि के नियम है ।
आपको ज्यादा बलशाली बना कर , आपको अभिमानी का चोला पहना दिया जाए गा ।
फिर किसी साधारण पुरुष को हाथों उसकी मृत्यु करवा देना ,
पर वो साधारण पुरुष भी एक अभिमानी बन जाता है ,
हम सब एक माला के मोती है , सबकी बारी आती है , माला जपने के बहाने से हमें आगे कर दिया जाता है ।

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कुछ लिख दूं , मै
ऐसा ।
जिससे लगे की अब और ना लिखना होगा ,
फिर लगता है वो शब्द अभी बने ही नहीं ।
जो मुझे मुक्त कर दे ,
लिखने से वैसा ।

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मुझे वो शब्द आज भी याद है " तुम मुझे कभी समझे ही नहीं "
वो मेरे शब्द थे जो मन में रह गए ,
उसने वहां भी बाजी जीत ली , मै एक दफा फिर उस से हार गया ।

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कितना अच्छा होता है , कुछ भी नया लिखना ,
शब्द वहीं होते है महज उनके वाक्य बदल जाते है ।
हम अक्सर सोचते है भगवान ने हमें अनेक चेहरों से सब को जन्म कैसे दे दिया , पर ये कभी नहीं सोचते हम एक जैसे शब्दों से कितने अनेक वाक्य बना देते है ।
कितना ही AI आ गया चाहे पर वो जो मन में आए शब्दों को वाक्य की माला पिरोना वो एक अलग ही आनंद है ।
मै कुछ भी सोच समझ कर नहीं लिखता , जो मन में आए उनको एक ढांचे में शब्दों को रख देता हु ।
शायद आपको पसंद ना आए मेरा यूंही लिखना , पर मन के विचार है जो शब्दों से घिरे पड़े है ।

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क्या आपको अपनी कहानी पर कुछ लिखना चाहिए , क्या आपको लगता है आपने कुछ ऐसा किया है या कुछ घटित हुआ है जिसको शब्दों में उतारना चाहिए ।
जिनका इतिहास लिखा हुआ वो कौनसे सच थे , महज उनका व्यकित्व ऐसा था , की हम मान लेते है वो सब महान थे ।
यकीन करो वो भी हमारे जैसे घर की मुश्किलों से घिरे हुए थे , अंत में जब उनके पास कलम आई तो शब्दों की धारा से उन्होंने अपने संघर्ष के राह को बदल दिया
फिर हमें वो इतिहास बताया गया जो हमने देखा नहीं , और एक मात्र पढ़ना और उसी को सच मानना ही एक मात्र उपाय था ।
आप और हम भी लिख सकते है आपने कहानियों में , ये पीढ़ी ना सही तो जो आने वाली के लिए तो हम महान होंगे , क्यों उनके पास कोई उपाय नहीं होगा ।
सब अपने संघर्ष छुपा लेते है कामयाब हो जाने के बाद ।

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आपको ऐसा नहीं लगता हम सब एक नाटक के पात्र है ।
जिसको पहले ही लिखा जा चुका है ,
ये नाटक यूंही चलता आ रहा है , करोड़ों सालों से ।
आप या मैं कभी तो किसी दौर में मुख्य राजा के किरदार में रहे होंगे या , उस राजा की क्रूरता का शिकार रहे होंगे जिसकी मौत से समाज में एक नया संदेश गया होगा या एक आंदोलन खड़ा हुआ होगा , या उस आंदोलन में राजा का गला काटने वाले हम ओर आप मुख्य किरदार रहे होंगे ।
लाखों कहानियों में आप और हम एक साथ या एक दूसरे के विपक्ष खेड़े होंगे , जैसे कि आज मैं लिख रहा हु , वो ही विचार आप आज पढ़ रहे है ।
क्या एक संदेश नहीं है कि हम और आप कभी किसी दौर में एक रहे होंगे ।
अगर पहले से तय है तो मान लो मेरा लिखा हुआ तुम पढ़ रहे हो वो भी इसी का छोटा सा हिस्सा है ।

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