"कॉन्ट्रैक्ट वाली रखैल "
हमारे बीच सौदा हुआ था तुम मेरे रखैल बन कर रहोगी और अब पलट रही हो, ऐसा ही कुछ कहा था उस दरिंदे अमरिश मलहोत्रा, हां उसके लिए वो दरिंदा ही था जो रोज उसके जिस्म को रोदता था
कहा जाता है, कुछ रिश्ते जन्म से नहीं... ज़ुल्म से बनते हैं।
एक मासूम लड़की — जिसे ज़िंदगी ने हर मोड़ पर तोड़ा — एक रात झील के किनारे अपने आखिरी फैसले के साथ बैठी थी, जब एक दरिंदा उसकी ज़िंदगी में दाखिल हुआ। अमरीश मल्होत्रा — वो नाम जिसे सुनते ही लोग कांप उठते थे। सत्ता, सनक और साज़िश से बना उसका साम्राज्य अब एक नई कड़ी जोड़ चुका था: एक कॉन्ट्रैक्ट ।
उसने उसके मासूम आंसुओं पर दस्तखत करवा लिए... और अब वो उसकी थी — उसकी हवेली में, उसके नियमों में, उसकी गुलामी में।
वो लड़की अब उसकी 'कानूनी रखैल' थी, इसलिए हक़, इज्ज़त और आज़ादी...? नहीं, वो सब कुछ उस दस्तखत के साथ ही छिन चुका था।
हर दिन उसके इशारों पर जीना, हर रात उसकी सिसकियों में सन्नाटा होना — यही उसका नसीब बन चुका था। लेकिन... क्या दिल सच में किसी दस्तावेज़ का गुलाम बन सकता है?
यह कहानी एक ऐसे अनचाहे रिश्ते की है, जहां प्यार नहीं... कशमकश है, और हर स्पर्श के पीछे एक रहस्य छिपा है।
एक दरिंदा, एक गुलाम... और एक हवेली — जिसमें हर दीवार गवाही देती है उस काली शादी की, जो किसी मंदिर या कचहरी में नहीं, खौफ और सत्ता के साए में हुई थी।
( married to my obsession ) इसी नाम से यह मेरी नोवल स्टोरी मेनिया पर है अगर आपको डिस्क्रिप्शन अच्छा लगाओ तो वहां पर जाकर कहानी जरूर पड़ेगा ऐसी कहानी और भी मिलेगी