Hindi Quote in Shayri by JUGAL KISHORE SHARMA

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📜 **ग़ज़ल का संक्षिप्त परिचय (Short Note):
यह ग़ज़ल इश्क़, दर्द, वफ़ा, और रूहानी सफ़र की जटिलताओं को बेहद गहराई से उकेरती है। इसमें वह भाव है जो प्रेम में मिले ज़ख्मों को भी एक रहमत की तरह देखता है, और इश्क़ की राह को ऐसा रूहानी अनुभव मानता है जहाँ हर सज़ा भी एक इनायत लगती है। ग़ज़ल यह भी दिखाती है कि इश्क़ की राह आसान नहीं होती — उसमें ग़म, तश्नगी (प्यास), इनकार, मौत, और तन्हाई सब शामिल होते हैं, फिर भी सच्चा आशिक़ इन सबको चुपचाप सहकर आगे बढ़ता है।
ग़ज़ल का शीर्षक:
🌹 "इश्क़ की सल्तनत में गुनाहगार भी महफ़ूज़ है"
-
गुनाहगार भी रहम से महफ़ूज़ हो बजार करे,
रस्क ख़ुशनसीब है जिस पर नज़र-ए-यार करे।
 
जहमत ने जबसे दस्तक दी दिल के वीराने में,
सगाली जुर्रत लगीह हर बंदा बंदे से प्यार करे।
 
तिश्नगी में भी लज़्ज़त मिली है रोज़-ओ-शब,
सिराह बख्त सहर भी हो फिर भी दीदार करे।
 
क़दम थमे तो मदफ़न साया भी साथ छोड़ गया,
रोशन राह-ए-इश्क़ है, कौन किसका इन्तज़ार करे?
 
विसाल-ओ-हिज्र की सज़ा जब मुक़र्रर हो हरबज़्म ,
जनाह से दामने आग़ाज़ हो, जहां दिल इनकार करे।
 
जालिम हमको फना मिली है तअल्लुक़ की शाख़ से,
हस्ती ए शायर मौत आई, मगर इश्क़ इनकार करे।
 
दुआओ से ज़्यादा दर्द ने माँगी है राज़ मिलकीयते,
मिज़ाज अच्छा है ग़मज़दा जिस्म दिलपे ग़ौर करे।
 
सरकशी वुसअ'तें पूछते की खैर रज़ा ढूँढ ली हमने,
मुरक़्क़ा-ए-ग़म-ए-यार भी सुकून का यू इज़हार करे।
 
सल्तनते क़यामतों से गुज़री है ये इश्क़ की उमर,
तमीज़-ए-हक़-ओ-बातिल सादगी से गुज़रगार करे?
 
हम तो गुनाह लिखते रहे प्यारे अपनी ही रगों से,
जोश-ए-वहशत मे मुजमंत बस तमाशा-ए-बेकरार करे।
 
फिर भी यक़ीं है कोई फ़ज़्ल नक़्श ओ निगार करे,
रहीन-ए-दर्द में गिरा हो, नशेमन वही दुआगार करे।
 
“Beyond I and not-I, beyond being and non-being—there shines the ever-free Turiya.” The Radiant Void Beyond Solar Opposites
Jugal Kishore Sharma Bikaner
                      Monday, 19 May 2025
यह काव्य न केवल इश्क़ की गहराइयों में उतरता है, बल्कि उसमें छिपी सूफ़ियाना मिठास और आत्मा की खोज को भी व्यक्त करता है।


🕯️ प्रमुख विषय-वस्तु:
गुनाह और रहमत का द्वंद्व
इश्क़ की सूफियाना परिभाषा
दर्द और तिश्नगी की सुंदरता
वफ़ा और इनकार का टकराव
आत्मा और शरीर के बीच संघर्ष
इश्क़ के रास्ते की तन्हा रूहानी यात्रा



🖋️ ग़ैर-हिंदी (उर्दू/फ़ारसी) शब्दों के अर्थ:
शब्द (Word)
हिन्दी अर्थ
English Meaning
गुनाहगार
पापी
Sinner
रहम
करुणा, दया
Mercy
रस्क
ईर्ष्या
Envy
नज़र-ए-यार
प्रेमी की दृष्टि
Lover’s gaze
जहमत
परेशानी, कठिनाई
Hardship
सगाली
मित्रता
Companionship
जुर्रत
साहस
Courage
तिश्नगी
प्यास
Thirst
लज़्ज़त
सुख, आनंद
Pleasure
सिराह
किनारा, अंत
Edge/Limit
बख्त
भाग्य
Fate
दीदार
दर्शन
Glimpse/Meeting
मदफ़न
कब्र, अंत
Burial/Grave
विसाल
मिलन
Union
हिज्र
वियोग
Separation
हरबज़्म
हर सभा या मंच
Every assembly
जनाह
पंख, उड़ान
Wing
दामने आग़ाज़
आरंभ का आँचल
Hem of beginning
तअल्लुक़
संबंध
Relationship
हस्ती
अस्तित्व
Existence
फना
नाश, अंत
Annihilation
मिलकीयत
स्वामित्व
Ownership
मिज़ाज
स्वभाव
Temperament
सरकशी
विद्रोह
Rebellion
वुसअ'तें
विस्तार
Vastness
रज़ा
इच्छा, मंज़ूरी
Consent/Will
मुरक़्क़ा
संग्रह, दस्तावेज़
Compiled book
तमीज़
पहचान, समझ
Discernment
हक़-ओ-बातिल
सत्य और असत्य
Truth and falsehood
गुज़रगार
गुजरने वाला
One who passes through
रहीन-ए-दर्द
दर्द का बंधक
Imprisoned in pain
नशेमन
आशियाना
Nest/Abode
दुआगार
प्रार्थना करने वाला
One who prays
यक़ीं
विश्वास
Faith
फ़ज़्ल
कृपा, इनायत
Grace
नक़्श ओ निगार
चित्र और साज-सज्जा
Ornaments/Decorations
जोश-ए-वहशत
उन्माद की तीव्रता
Rage of frenzy
मुजमंत
ठहरा हुआ, स्थिर
Frozen/Still
तमाशा-ए-बेकरार
व्याकुलता का दृश्य
Scene of restlessness



✨ भावार्थ का सारांश:
यह ग़ज़ल हमें सिखाती है कि सच्चा प्रेम केवल भौतिक मिलन नहीं, आत्मिक यात्रा है। यहाँ इश्क़ एक अध्यात्मिक तपस्या बन जाता है जहाँ तकलीफ़ें भी रहमत हैं, और इनकार भी एक दया है। शायर ने न केवल प्रेम की वेदना बल्कि उसमें छुपे हुए गहरे रहस्य को भी बड़ी खूबसूरती से अभिव्यक्त किया है

Hindi Shayri by JUGAL KISHORE SHARMA : 111979582
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