_बहुत दिनों के बाद आई याद
कच्चे टिकोलो और नमक मिर्ची का स्वाद
खट्टी– मीठी इमली के दाने
नमक नींबू घोल– घोल सारे पी जाने
गोल – गोल काले शहतूत
चोरी चुपके डब्बे से सूखे दूध
पापा के कंधे , दादी की कहानी
मां की बेलन और मीठी आनाकानी
खेल पुराने , अट्ठन्नी और दो आने
अनकही एहसासों से मीठे जज्बातों से
वो बचपन भी क्या थे जमाने ।
✍️रिंकी उर्फ चंद्रविद्या