Chhuta Sathi
अमर मेरी कहानी, छूटा साथी पुराना,
था जो कभी जादू, वो दिल का तूफ़ान बना।
इक़रार को समझा नहीं, फिर भी बेताब रहा,
मैंने रोशन की दुनिया, पर तुझे फ़िक्र न रहा।
राहें दिखाईं तूने, पर इनकार थाम लिया,
भीगे नैनों से मैंने, मंज़िल को चुपचाप लिया।
तू बेवफ़ा सही, पर मेरा प्यार सच्चा था,
जो तुझे निभाना न आया — वो मेरा वादा था
_Mohiniwrites