ज़िंदगी एक अणसुलजी अनपढ़ी एक किताब है हर रोज़ एक नई कहानी दस्तक देती है
कभी खुन के आंसू रूलाके जाती है
कभी हसीॉके गुलददस्ता खीलाके जाती है
मुशकीलतो है सुलझाना ए पहेली
पर कच्ची दोर नहीं जो काट दी जाए
जो पल मीले नई आशाओके सहारे जीएँ जाओ कुछ नए लेशन सीखते जाओ
बसयुं ही बसर कर लो जींदगी