यू जो अकेले बैठे हो........
उसके बारे में सोच रहे हो.........
क्या वो भी सोच रहा होगा ये सब.......
या यूं ही अंजान रह जाओगे.......
या यूं कहे कि शायद वो भी सोच में तो होगा.......
कि सामने आकर कितनी बाते खोलनी है.......
न जाने यूं अकेले बैठे .......
उसके बारे में सोच रहे हो......
क्या सच में यूं हो रहा होगा.......