एक बकरे की व्यथा कथा
कितने नेक दिल हैं आप, वाह ?
आपने मुझे दिल से चाहा ? पर क्यों यह भी बताईये न
मेरा भला ही चाहा ? पर अपना भी न
आपने मेरे माथे पे टीका लगाया
बड़िया चीज़े खिलाई मलाईदार
फूल माला पहनाई , शायद अंतिम यात्रा पर भेजने से पहले
( यह बात और है कि मेरे पैर भी बांध दिये)
फिर एक भयानक से आदमी ने गण्डासा उठाया
दे मारा मेरे गले पर , रक्त बहा, मैं मर गया काफी दर्द से
आधा घण्टा लग गया होगा.....
मंत्र या कुछ ऐसे ही कुछ पढ़े गए
आपने समझा स्वर्ग पहुँच गया
मैं तड़प रहा था
मेरे शरीर की बोटियाँ काटी गई
मसाला डाल के भूना गया
आपने स्वाद से मेरी बोटिया खा ली
हड्डियाँ भी चूसी
मैं तड़प तड़प के मर गया
स्वाद लिया आपने
स्वर्ग नही भेजा मुझे
आपने अपने स्वर्ग जाने की तैयारी कर ली हो शायद
देखते है आप कहाँ जाते हैं