मेरे शौक को तू दवा समझ,
मेरे हाल पे मुझे छोड़ दे।
फ़िक्र न कर, काम से काम रख,
सदा उसकी सुनता हूँ, गुनाह नहीं।
दिल की बातें दिल में रहने दे,
ख्वाबों को उड़ान भरने दे।
जो बीत गया, उसे बीत जाने दे,
आने वाले कल को सजाने दे।
तेरी राहों में कांटे होंगे,
मेरी राहों में फूल खिलेंगे।
तू अपनी मंज़िल को पा ले,
मैं अपनी राहों को चुन लूँगा।
तेरे सपनों में रंग भरूँगा,
तेरे दर्द को भी सहूँगा।
तू बस मुस्कुराती रह,
मैं तेरे हर आँसू को चुरा लूँगा।
मेरे शौक को तू दवा समझ,
मेरे हाल पे मुझे छोड़ दे।
फ़िक्र न कर, काम से काम रख,
सदा उसकी सुनता हूँ, गुनाह नहीं।
बस यादों मे बसी,तुझे क्या?
यह भीं दवा है उस मर्ज़ का
वो भी जो मेरे दिल को मन भाये
मेरे शौक को तू दवा समझ,
मेरे हाल पे मुझे छोड़ दे..
( काल्पनिक हैं.. मेरी कोई एक्स y z नहीं है या थी)