मंत्री जी का संकल्प, बड़ा ही अनोखा,
तीन टांग की कुर्सी, विकल्प में रोका।
चार mp वाली पार्टी ने तो टोका
य़ह है धोखा य़ह है धोखा
बैठे जब मंत्री जी, कुर्सी हिलने लगी,
तीन टांगों पर, संतुलन बिगड़ने लगी।
चार mp गए भाग हालत पतली होने लगी
सोचा मंत्री जी ने, क्या करें उपाय,
चौथी टांग जोड़ें, या कुर्सी बदलें भाई?
चार mp वाले मानते नहीं भाई..
सोचते-सोचते, मंत्री जी की मुस्कान गायब
तीन टांग की कुर्सी, अब तो दिल को न भाए।
कहने लगे मंत्री जी, यही है सच्चाई,
तीन टांग की कुर्सी, है सबसे बड़ी कड़ाई
लोग हंसे, बोले मंत्री जी, क्या बात है,
तीन टांग की कुर्सी, सच में खास है।
मंत्री जी का संकल्प, सबको भाया,
तीन टांग की कुर्सी, ने उनको खूब दौड़ाया
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