आज एहसास हुआ जीवनमें,
अपनोने प्रसंगमे बुलाया नहीं ll

कितनी कातिल नज़रसे देखकर सब चले गये!
हम खडे खडे यह देखकर आँसु निकल आये ll


आज तक हम इनको अपना ही समझा सँवारा था !!
आज पराये इनके थे,हमारे पास सिर्फ रोना बचा था ll
- वात्सल्य

Gujarati Shayri by वात्सल्य : 111943136
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