शार्दियो में रहते है हम,, थोड़ी गर्मी चाहिए,
समेटना चाहेंगे तूझे खुद में,वो पल हसीन चाहिए,
तूझ संग इजहार किया है खुदा से,एक नए रिश्ते का,
देख ने आए खुदा तब तू मेरे सीने पे लिपटी हुई चाहिए,
जुबान पे जुबान रखे न निकले अल्फाज मुंह से,
पतझड़ में भी प्यार तेरा जैसे ऋतु वसंत चाहिए।
❤️नंदी❤️