उड़ता पंक्षी, गर्जता बादल
बहती हवा, बरसती बूंदे
मुझसे कुछ कहते हैं
तुम कभी आए थे , ये बार बार कहते हैं।
कहीं गया था तू अब तक ना लौटा
ये बराबर कहते हैं।
उड़ता पंक्षी .....................
लक्ष्य तक जाना जरूरी है
लौट के वापस आना जरूरी है
तुम बिछड़ने के बाद, कभी न लौटे
अब लौटोगे ये बार बार पूछते हैं।
उड़ता पंक्षी ..............
बात तुम्हारी सभी याद रखें
ये भी तो जरूरी हैं।
कभी लौटता मुमकिन हो तो
ये पूछते है पहले किस से मिलोगे।
उड़ता पंक्षी ..............
अकेला बैठा रहूं तो याद आ गई तेरी
फिर कलम उठाई और बातें लिख दी तेरी
तू लौटे या न लौटे
ये हमेशा पूछते हैं।
उड़ता पंक्षी ...............
DR.YUVRAJ SINGH