चलो हम भी दुनिया की नकल करते है ।
अपने आप से अपने आप को दूर करते हैं ।।
जैसे लगते हैं लोग वैसे दिखावा करते हैं ।
दुनिया के सामने सुंदर मिलावट करते हैं ।।
स्वभाव को थोड़ा भावशून्य करते हैं ।
अनचाहा,अनकहा ,अनदेखा करते हैं ।।
मौन की भाषा की धुन का संगीत करते हैं ।
चलो धड़कन निकालकर ह्रदय को पत्थर करते हैं ।।
ह्रदय