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आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।
आज मां का आगमन हुआ है द्वार।
सबकी मनोकामना पूर्ण हो जाएं,
शुद्ध मन से भक्ति होगी स्वीकार।
अंबे जगदंबे , दुर्गा, शैल पुत्री रूप ,
लाल चुनरिया में है सुहागिन सिंगार।
आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।
आज माँ का आगमन हुआ है द्वार।------'
कांपने लगती धरती और आसमान,
जब लेती हैं मां काली का अवतार।
रौद्र मुख से रक्त टपकता रहता है,
राक्षस का अंत करने थामी कटार।
आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।
आज माँ का आगमन हुआ है द्वार।
गलती को क्षमा करो,, कृपा रखो माता,
पापी का कर संहार ,सिंह पर हो सवार।
जब तक है जीवन, पूजन करते जाएं
सुख शांति मिले आके तेरे दरबार।
आ गया पावन नवरात्रि का त्योहार।
आज माँ का आगमन हुआ है द्वार।
डॉअमृता शुक्ला