"उसकी मोहब्बत में क्या कोई गुंजाइश बाकी है,
कहीं दिल पर लिखा मेरा नाम क्या अब बाकी है,
बेशक धड़कता है उसका दिल अब किसी नाम से,
क्या वो मेरे लिए धड़केगा ये आस अब बाकी है
मोहब्बत में कहानी उसकी मेरी एक सी ही रही,
पाने को मुक़ाम मेरा भी बाकी उसका भी बाकी है
अब थामना चाहता हूं मैं वो हाथ उसका यारों,
होगा क्या ये मुमकिन क्या कोई गुंजाइश बाकी है
कहने को तो है वो मेरा उस चाँद का एक टुकड़ा,
पाने को क्या मुझमें अब वो काबिलियत बाकी है"
-Broken_Feather