भगवान् ने सिर्फ इंसान बनाया
लहू का रंग सभी का एक है
सांस लेने की हवा भी एक है
पीते जो पानी वह भी एक है
बांट दिया है इसे खुद हमने
अलग अलग धर्म के दायरे में
इंसानियत को रखा है कैद में
यहाँ मज़हब के ठेकेदारों ने
जब तक इंसानियत आज़ाद न होगी
दुनिया में अमन चैन क्या खाक होगी